एक हालिया अध्ययन में पता चला है कि पाकिस्तान में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में मार्च में 200 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। ये अपराध उस वक्त हुए, जब कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप देश में फैल गया था। यह अध्ययन देश के मानवाधिकार आयोग की उस रिपोर्ट के तुरंत बाद आया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि कोरोना वायरस महामारी से सबसे गरीब तबके की हालत और खराब हो जाएगी।
अपराधों को आठ श्रेणियों में बांटा
जनवरी से मार्च 2020 की रिपोर्ट में, सस्टेनेबल सोशल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (एसएसडीओ) ने कहा कि जनवरी के मुकाबले मार्च में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में 200 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है। इस्लामाबाद स्थित गैर-सरकारी संगठन ने कहा कि इसी तरह बाल शोषण, घरेलू हिंसा, अपहरण और बलात्कार के मामलों में भी महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है। एसएसडीओ ने अपराधों का यह आंकड़ा तीन अंग्रेजी समाचार पत्रों (द नेशन, द डॉन और द न्यूज) और तीन उर्दू समाचार पत्रों (जंग, दुनिया और एक्सप्रेस) से एकत्रित किया। इसके बाद अपराधों को आठ श्रेणियों बाल विवाह, बाल शोषण, बाल श्रम, घरेलू शोषण, अपहरण, बलात्कार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और हत्या के मामले में बांटा गया।
नोट: इस लेख में दी गई सभी जानकारी केवल जानकारी के उद्देश्य के लिए लिखी गई है।