बिहार में हुई जहरीली शराब से मौत के बाद भले ही हंगामा मचा हुआ है, लेकिन एक कड़वी सच्चाई है कि शराब मुक्त बिहार की घोषणा के वर्षों बाद आज भी बिहार के कई जिलों में शराब पीने और बेचने का कारोबार निरंतर चल ही रहा है. सरकार की नजर में कहने को तो शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन शराब तस्कर रोज नए-नए तरीकों से शराब की डिलीवरी कर रहे हैं. ताजा मामला मधेपुरा जिले का है. जहां मध निषेध एवं उत्पाद विभाग द्वारा निरंतर अभियान चलाए जाने के बावजूद आए दिन शराब पीने वाले और बेचने वाले का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है.
वहीं, नए साल आते ही जिले में उत्पाद अधीक्षक सुरेंद्र प्रसाद एक्शन मूड में नजर आ रहे हैं. जहां शहर के विभिन्न चौक चौराहे सहित गली मोहल्ले से शराब पीने और बेचने वाले की जमकर गिरफ्तारी की जा रही है. वहीं, इस छापेमारी अभियान के दौरान जहां 6 शराब बेचने, 25 शराब पीने के आरोप में यानी कुल 31 लोगों को 46 लीटर देसी और विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया गया है. इसमें दो लोगों को दोबारा शराब पीने के जुर्म में पकड़े गए तो वहीं दो वीआईपी लोग भी शमिल हैं.
मामले की जानकारी देते हुए उत्पाद अधीक्षक सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि मध निषेध एवं उत्पाद विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर जिले विभिन्न जगहों पर विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया. इस दौरान 25 लोग शराब का सेवन करते हुए पकड़े गए. जबकि 6 बेचने वाले को भी गिरफ्तार किया गया. साथ ही एक वाहन भी जप्त किया गया है. उन्होंने बताया कि दिन रात के इस अभियान में 46 लीटर देशी और विदेशी शराब जब्त करते हुए 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें दो वीआईपी लोग शामिल हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उत्पाद विभाग के द्वारा आगे भी निरंतर अभियान चलाया जाएगा. शराब बेचने और पीने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
नोट: इस लेख में दी गई सभी जानकारी केवल जानकारी के उद्देश्य के लिए लिखी गई है।