Akhand Samrajya Rajyog: नक्षत्र और ग्रहों की चाल योग और दोष के लिए जिम्मेदार हैं। जब किसी की कुंडली में शुभ योग बनते हैं तो वह व्यक्ति को बहुत अधिक और समृद्ध ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। इसी तरह, अगर किसी की कुंडली में दोष बन रहे हैं, तो वे व्यक्ति को बड़े संकट और चुनौतियों में डाल सकते हैं। आज हम एक अत्यंत पवित्र योग के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसे अखण्ड साम्राज्य राजयोग के नाम से जाना जाता है। यह दुर्लभ योग दो प्रमुख ग्रहों के प्रभाव से बनने जा रहा है और वे हैं गुरु बृहस्पति और कर्म फलदाता शनि देव। तीन राशियों के लिए यह योग अनुकूल रहने वाला है और उन्हें आर्थिक उन्नति भी प्रदान करेगा!
अखंड साम्राज्य राजयोग क्या है?
जब भी कोई ग्रह लंबे समय के लिए धन भावों में गोचर करता है जो कि दूसरे और ग्यारहवें भाव हैं, तो यह अखंड साम्राज्य राजयोग को जन्म देता है। वैदिक ज्योतिष में इस योग को अत्यधिक फलदायी और अनुकूल माना गया है। इसके प्रभाव से जातक को आर्थिक संपन्नता की प्राप्ति होती है और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति की वृद्धि होती है।
शनि गोचर 2023, बृहस्पति गोचर 2023 की तिथि और समय
शनि देव 17 जनवरी 2023 को शाम 05:04 बजे मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं। वहीं बृहस्पति ग्रह मीन राशि को छोड़कर अपनी मित्र राशि मेष में गोचर करेगा। यह गोचर 22 अप्रैल 2023 को प्रातः 03 बजकर 33 मिनट पर होगा। गुरु के इस गोचर से बनेगा अखंड साम्राज्य राजयोग, जो इन तीन राशियों के लिए रहेगा फलदायी!
नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और लोक मान्यता पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं भी हो सकता। सामान्य हित और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए यहां इसे प्रस्तुत किया जा रहा है।