Gurmeet Ram Rahim News: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा दायर एक याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें डेरा सच्चा सौदा प्रमुख (Dera Sacha Sauda chief) गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim Singh) की अस्थायी रिहाई के रोहतक (Rohtak) के मंडलायुक्त के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बलात्कार और हत्या के दोषी हैं। यह मामला जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह और जस्टिस विक्रम अग्रवाल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। हरियाणा सरकार और अन्य प्रतिवादियों को 17 फरवरी के लिए नोटिस जारी किया गया है।
SGPC ने याचिका में उनकी गतिविधियों को खतरनाक बताया
एसजीपीसी ने अपने निर्वाचित सदस्य भगवंत सिंह सियालका के माध्यम से बताया है कि डेरा प्रमुख की अस्थायी रिहाई का आदेश “हरियाणा अच्छे आचरण वाले कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 की धारा 11 के प्रावधानों के खिलाफ और पैरोल की अवधि के दौरान डेरा प्रमुख के गैरकानूनी बयानों और गतिविधियों से होने वाले खतरनाक नतीजों की अनदेखी” जारी किया गया है।
कहा- सार्वजनिक सद्भाव और शांति पर पड़ सकता है असर
याचिका में तर्क दिया गया है कि समिति का “वर्तमान मामले में कोई व्यक्तिगत हित नहीं है” लेकिन गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल पर रिहा करने के खतरे को ध्यान में रखते हुए जनहित याचिका दायर की है और “इस प्रकार भारत की संप्रभुता, अखंडता और देश में सार्वजनिक सद्भाव, शांति और सामाजिक ताने-बाने को बनाए रखना।”
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जेल से रिहा होने के तुरंत बाद, डेरा प्रमुख ने भड़काऊ गतिविधियों में लिप्त होना शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया, “उदाहरण के लिए, 29 जनवरी, 2023 को, अपने गुरु शाह सतनाम के जन्मदिन का जश्न मनाते हुए डेरा प्रमुख ने एक लंबी तलवार से केक काटा और इसकी तस्वीर को प्रिंट और सोशल मीडिया वायरल कर दिया गया।”