भारतीय जनता पार्टी ने अपनी यूथ विंग भाजपा युवा मोर्चा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वासु रुखर को पार्टी से निकाल दिया है। आरोप है कि रुखर की पत्नी ने अपनी बेटी को दिल्ली के ही एक मंदिर में छोड़ दिया था और फिर पुलिस के सामने बेटी के अपहरण की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने जांच की तो कहानी पूरी तरह से गलत निकली। इस पूरे ड्रामे के बाद पार्टी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए रुखर को पार्टी से निकाल दिया है। वहीं, वासु का कहना है कि उसकी पत्नी तनाव से गुजर रही, जिस कारण उसने ऐसा किया।
रुखर ने कहा, घटना से कोई लेना-देना नहीं
अधिकारियों ने कहा कि यह घटना बुधवार की है। मध्य दिल्ली के झंडेवालान से रुखर की बेटी का कथित अपहरण हुआ था और उसे मौरिस नगर में एक मंदिर के पास छोड़ दिया गया था। हालांकि, पुलिस ने घटना की जांच शुरू की, तो बच्चे की मां से भी पूछताछ की गई। रुखर ने साफ तौर पर कहा कि उनका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। उनका आरोप है कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ नकारात्मकता फैलाने के लिए इस घटना का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मानसिक तनाव के कारण उनकी पत्नी ने जो किया, पुलिस उसकी जांच कर रही है।
उन्होंने कहा, “मैं खुद जवाब ढूंढ रहा हूं, लेकिन मैं सभी से अपील करता हूं कि किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। अगर मैं वास्तव में इन सब में शामिल होता, तो कानून मुझे बख्शता नहीं। मेरे बारे में पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का मैं सम्मान करता हूं। हम (एक परिवार के तौर पर) पिछले 30 से 35 साल से पार्टी की सेवा कर रहे हैं। अगर पार्टी को कभी भी एक आम सदस्य की जरूरत होगी, तो मैं हमेशा वहां हूं।”
छात्र जीवन से ही आरएसएस और बीजेपी से जुड़े हैं रुखर
वासु रुखर को बीजेपी के संगठनात्मक नेतृत्व का करीबी माना जाता है। उन्होंने साल 2008 में एबीवीपी के उम्मीदवार के तौर पर डीयू छात्र संघ का चुनाव जीतकर राजनीति में अपनी पहली कोशिश की थी। वासु उत्तरी दिल्ली के मल्कागंज के निवासी हैं और उनके पिता एक बैंक कर्मचारी हैं और मां गृहणी हैं। वे छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। साल 2004 में वे एबीवीपी से जुड़े थे और डूसू चुनाव के लिए उम्मीदवार माने जाने से पहले लगातार दो बार सत्यवती कॉलेज के अध्यक्ष रहे।
रुखर के ससुर दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ नेता हैं और आरएसएस के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। वे पार्टी की राज्य इकाई में कई पदों पर रह चुके हैं और एमसीडी के 10 मनोनीत सदस्यों में से एक हैं। पार्टी के एक नेता ने बताया कि रुखर वाल्मीकि समुदाय से हैं। वह कॉलेज के दिनों से ही किसी न किसी रूप में पार्टी से जुड़े रहे हैं।