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Monday, March 27, 2023

कानपुर देहात में बुलडोजर एक्शन के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत, ग्रामीणों का आरोप- पुलिस ने लगाई आग

Kanpur Dehat: कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। सोमवार को यहां अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया के दौरान यह घटना हुई, जिस पर अब सियासत तेज हो गई है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने झोपड़ी में आग लगाई थी, जिस कारण दोनों महिलाओं की मौत हो गई। वहीं, स्थानीय पुलिस कह रही है कि उन दोनों ने खुद आग लगाई थी। फिलहाल पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी।

पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ हत्या की कोशिश और जानबूझकर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। आरोपितों में बुलडोजर ऑपरेटर, सबडिविजनल मजिस्ट्रेट और स्टेशन हाउस ऑफिसर भी शामिल हैं। वहीं, विपक्ष ने योगी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है।

ग्रामीणों का आरोप- बुलडोजर लेकर पहुंचे अधिकारी, पहले से नहीं दी गई सूचना

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना जिले के मडौली गांव की है। यहां पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व अधिकारी एक सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने गए थे। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी और अधिकारी सुबह बुलडोजर लेकर वहां पहुंच गए। मृतका के बेटे शिवम दीक्षित ने आरोप लगाया कि जब वे लोग अपने घर में थे तब आग लगा दी गई और मंदिर भी तोड़ दिए। उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट पर भी आरोप लगाया कि वे वहीं मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं किया। शिवम ने बताया कि वे लोग किसी तरह वहां से निकलने में सफल हुए, लेकिन उनकी मां नहीं बच सकीं।

पुलिस का दावा- महिलाओं ने खुद लगाई आग

वहीं, स्थानीय पुलिस ने कल दावा किया था कि महिला और उनकी बेटी ने खुद अपने आप को आग लगाई थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि थाना प्रभारी दिनेश गौतम और प्रमिला के पति गेंदन लाल पीड़ितों को बचाने की कोशिश कर रहे थे, जिसमें वे भी झुलस गए। सुपरीटेंडेंट ऑफ पुलिस बीबीजीटीएस मूर्ति ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “हमें जो पता चला है, एक महिला और उसकी बेटी ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर करके आग लगा ली, जिससे उनकी मौत हो गई। हम मौके पर पहुंच गए हैं। संबंधित सभी अधिकारी भी यहां हैं। हम जांच करेंगे।” मूर्ति ने कहा, “जब भी कोई अतिक्रमण विरोधी अभियान होता है, तो उसका एक वीडियो शूट किया जाता है। हमने वीडियो मांगा है और इसकी जांच करेंगे।”

ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

घटना के बाद इलाके में ग्रामीणों और पुलिस के बीच तनाव है। ग्रामीणों ने पुलिस पर ईंटें फेंकी। ग्रामीण अनुविभागीय मजिस्ट्रेट ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल सिंह और अन्य के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट या प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानपुर जोन) आलोक सिंह, संभागीय आयुक्त राज शेखर के साथ भीड़ को शांत करने के लिए गांव का दौरा किया। आला अधिकारियों का कहना है कि जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम परिवार के साथ हैं। हम जिम्मेदार लोगों को नहीं बख्शेंगे।”

योगी सरकार पर हमलावर विपक्ष

वहीं, अब विपक्ष इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर हो गया है। समाजवादी पार्टी ने कहा, “योगी आदित्यनाथ सरकार में ब्राह्मण परिवारों को निशाना बनाया जाता है और ऐसी घटनाएं चुनिंदा तरीके से हो रही हैं। दलितों और पिछड़ों की तरह ब्राह्मण भी योगी सरकार के अत्याचारों के निशाने पर हैं।” वहीं, कांग्रेस का प्रदेश स्तर का प्रतिनिधि मंडल आज पीड़ित परिवार से मिलेगा।

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