fbpx
Friday, March 31, 2023

दिव्य शक्तियां, चमत्कार, सिद्धियां सच या पाखंड, जानिए क्या बोले प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज

Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj: संत श्री ह‍ित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज एक कथा वाचक हैं। जो राधा रानी को अपनी ईष्ट मानते हैं। साथ ही वह सत्संग के माध्यम से लाखों लोगों का मार्गदर्शन करते हैं। आपको बता दें कि महाराज जी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक भक्त उनसे पूछ रहा है कि दिव्य शक्तियां, चमत्कार, सिद्धियां सच में होती हैं या ये सब पाखंड हैं। जिस पर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज बता रहे हैं कि दिव्य चमत्कार और उसका प्रभाव भी होता है। लेकिन हमको उसके लायक बनना पड़ेगा। तब ही हम देख पाएंगे। मतलब आध्यात्मिक शक्ति होने के बाद ही हम उसकी शक्तियों को आभास कर पाएंगे। 

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति भगवान में ध्यान लगाकर बैठा हुआ है, तो उससे महापुरुष नारद, प्रहलाद जी बात करेंगे। लेकिन ये बात कोई ओर नहीं सुन पाएगा। क्योंकि आपके अंदर उसको सुनने की योग्यता नहीं है। क्योंकि इसके लिए व्यक्ति के अंदर दैवीय गुण आने चाहिए और उनके सिद्धांत से चलें, मंत्रों का जाप करें। तो हमारे अंदर दैवीय शक्तियां आ सकती हैं। लेकिन अगर शक्ति हमारे अंदर नहीं है, तो हमको सब नाटक लगेगा। क्योंकि व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति विषयों के भोग में नष्ट हो गई है। इसलिए जो विषय चाहता है, वो तुमको घेर लेता है। 

महाराज जी ने आगे कहा कि मंत्र की शक्ति, दैवीय शक्ति सब कुछ है, लेकिन आप तब उसको फील कर पाएंगे। जब आपमें दैवीय गुण हों। इसलिए जिस व्यक्ति ने पवित्र होकर दैवीय गुण को पा लिया वह उतना जान गया है।

जानिए कौन हैं संत श्री ह‍ित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज

संत श्री ह‍ित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज कानपुर के सरसौल ब्‍लॉक के अखरी गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम शंभू पांडेय है, माता का नाम राम देवी हैं। वहीं महाराज जी के गुरु जी का नाम श्री गौरंगी शरण जी महाराज है। महाराज जी को बचपन से ही आध्यात्म के प्रति लगाव था। साथ ही उन्होंने कम उम्र में ही घर छोड़ दिया था और वाराणसी चले गए थे। साथ ही इसके बाद वह वृंदावन आ गए। महाराज जी के सत्संग में कई नेता और अभिनेता हाजिरी लगा चुके हैं। आपको बता दें कि थोड़े दिन पहले महाराज जी से विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने मुलाकात कर आशीर्वाद लिया था।

नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और लोक मान्यता पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं भी हो सकता। सामान्य हित और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए यहां इसे प्रस्तुत किया जा रहा है।

Related Articles

नवीनतम