सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो चुकी है। छात्र-छात्राएं परीक्षाओं की तैयारी में लगे हैं। उधर महरौली में डीडीए के अतिक्रमण अभियान के कारण 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राएं तलाश हैं। परीक्षाओं की तैयारी के बीच उन्हें अपना सामान समेटना पड़ रहा है। दिल्ली के उपराज्यपाल के आदेश के बाद फिलहाल उन्हें तीन दिन की राहत मिल गई है लेकिन मुसीबत अभी भी खत्म होती नजर नहीं आ रही है।
महरौली के मेन बाजार स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय नंबर 2 की 10वीं की छात्रा समरा भी परेशान है। वह जिस घर में पैदा हुई उसे खाली करने को कहा गया है। उसका कहना है कि “मेरी उर्दू की परीक्षा 24 फरवरी को है। बस 10 दिन बाकी हैं और मैं अभी किसी भी चीज़ की तैयारी करने की स्थिति में नहीं हूं। समरा ने कहा कि उसके परिवार ने अपना सामान इकट्ठा कर एक कमरे में रख लिया है। अधिकारियों ने जल्द से जल्द घर खाली करने को कहा है।
समरा ने कहा कि “उन्हें (अधिकारियों) कम से कम हमारी परीक्षा खत्म होने तक इंतजार करना चाहिए था। मैं अभी अपने परिवार को देखकर इतनी निराश हूं कि पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पा रही हूं। मैं चार दिनों से स्कूल नहीं गई हूं क्योंकि मैं घरवालों को सामान पैक करने में मदद कर रही थी। अंधेरा होने पर हम कहां जाएंगे, हमारा सारा सामान खुले में है?” वहीं पास ही में जमीला मस्जिद के पास रहने वाली दादी बिलकिस बेगम ने कहा कि हमारे पास रजिस्ट्री के सारे कागजात हैं लेकिन कोई देखने को तैयार नहीं है।
महरौली के सर्वोदय कन्या विद्यालय में पढ़ने वाली 12 वीं कक्षा की छात्रा शाहीन इदरीशी का भी घर खाली करने का आदेश आ चुका है। उसके घर में केवल एक खाट और खाली अलमारी ही रह गई थी। इदरीशी ने कहा कि हम कुरान को अपने टूटे हुए घर में रखकर उसका अनादर नहीं करना चाहते, इसलिए उसे भी ले जा रहे हैं। इदरीशी भी जीवन भर इसी घर में रही है। उसने कहा कि मेरी 20 फरवरी को हिंदी की परीक्षा है लेकिन मेरा ध्यान बंटा हुआ है। हम अपनी परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग करना चाहते हैं। मैं पिछले कुछ दिनों से अपनी किताबों की जगह घर का सामान उठा रहा हूं। कोई यहां कैसे पढ़ सकता है? इदरीशी की बहन तान्या भी उसी कूल में 10वीं कक्षा में है। वह भी काफी परेशान नजर आ रही है। दोनों बहनों का सपना एयर होस्टेस बनने का है।