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Monday, March 27, 2023

मां और पति के शवों के साथ रह रही थी महिला, अंतिम संस्कार न करने की पीछे बताई रुलाने वाली वजह

तमिलनाडु (Tamilnadu) के इरोड (Erode) शहर के गोबीचेट्टीपालयम (Gobichettipalayam) इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आने के बाद चर्चा का विषय बन गई है। कुछ दिन पहले बीमारी की वजह से एक बुजुर्ग और उसकी सास की मौत हो गई थी। बुजुर्ग की पत्नी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह उन दोनों का अंतिम संस्कार कर सके। लिहाजा दोनों के शवों को वह घर के अंदर ही रखे रही। कई दिनों तक घर में पड़े रहने से दोनों शवों में सड़न पैदा हो गई और उसकी दुर्गंध बाहर जाने लगी।

पड़ोसियों ने पहले पूछताछ की तो महिला ने कहा कि चूहे गंदगी फैला दिये हैं, उसी से बदबू आ रही है, लेकिन जब शवों के सड़न से बदबू तेज हो गई तो उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस के आने पर दो लोगों की मौत होने और उनके शव घर में रखे होने की जानकारी लोगों को मिल सकी।

पति चौकीदारी करके घर में अकेला कमाने वाला था

पुलिस के मुताबिक शांति (Shanthi) नाम की महिला अपने 73 वर्षीय पति मोहनसुंदरम (Mohanasundaram) और 80 वर्षीय मां कनकंबल (Kanakambal), 35 वर्षीय मनोरोगी बेटे सरवनकुमार (Saravanakumar) के साथ कुमानम रोड पर रहते थी। पूरे घर में मोहनसुंदरम ही अकेले कमाने वाला था। वह घर के पास ही चौकीदारी का काम करता था। चार महीने पहले मोहनसुंदरम और कनकंबल बीमार पड़ गये। इसकी वजह से घर में आय का जरिया खत्म हो गया। जो कुछ बचत थी, उसी से कुछ दिन उनकी जीविका जैसे-तैसे चल रही थी।

दुर्गंध की वजह से पड़ोसियों ने दी पुलिस को सूचना

गरीबी की वजह से शांति लोगों से दूर रहती थी और किसी से बोलती नहीं थी। पति और मां के बीमार पड़ने से वह काफी दिनों से घर से बाहर भी नहीं निकली थी। इस बीच दोनों की मौत के बाद जब पड़ोसियों ने घर से दुर्गंध आने के बारे में पूछा तो उसने कहा कि चूहों के गंदगी फैलाने की वजह से बदबू आ रही है, लेकिन जब बदबू तेज हो गई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घर की जांच कराई तो दोनों शव घर के अंदर पड़े मिले। इसके बाद मामला खुलकर सामने आ सका।

पुलिस का कहना है कि “दोनों शव बुरी तर सड़ चुके थे। शांति के पति की करीब 15 दिन पहले और उसकी मां की पांच दिन पहले मौत होने की आशंका है। उसके पास पैसे नहीं थे और वह निराश थी। वह अपने रिश्तेदारों से अंतिम संस्कार के लिए पैसा नहीं मांगना चाहती थी। हमने शवों को सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और बाद में रिश्तेदारों के सामने उसका अंतिम संस्कार करा दिया।”

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