Thursday, September 28, 2023

15 मार्च तक रहेगा सूर्य-शनि का अशुभ योग, इन राशियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, धनहानि के बन रहे योग

Conjunction Of Shani And Sun: ज्योतिष शास्त्र अनुसार ग्रह एक निश्चित अंतराल पर एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। जिसका प्रभाव देश- दुनिया और पृथ्वी पर देखने को मिलता है। साथ ही यह परिवर्तन किसी व्यक्ति के लिए शुभ रहता है तो किसी के लिए अशुभ। आपको बता दें कि 13 फरवरी को सूर्य ने राशि बदलकर मकर से कुंभ में प्रवेश किया है। वहीं वहां पहले से ही शनि देव विराजमान हैं। जिससे इन दोनों ग्रहों की युति कुंभ राशि में बन (Surya And Saturn Ki Yuti) रही है। ज्योतिष अनुसार सूर्य और शनि देव में शत्रुता का भाव है। इसलिए इस युति से 15 मार्च तक इन 3 राशियों को सावधान रहना चाहिए। आइए जानते हैं ये राशियांं कौन सी हैं…

कुंभ राशि (Kumbh Zodiac)

शनि और सूर्य देव की युति कुंभ राशि के जातकों को नुकसानदायक साबित हो सकती है। इस अवधि में आपको वहीं गले और मुंह में कोई परेशानी हो सकती है। शरीर में कोई इंफेक्शन हो सकता है। वहीं इस समय बनते- बनते काम बिगड़ सकते हैं। क्योंकि यह युति आपकी राशि से लग्न भाव में बन रही है। वहीं जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। जीवनसाथी के साथ कुछ विषयों को लेकर मनमुटाव हो सकता है।

मकर राशि (Makar Zodiac)

आप लोगों के लिए शनि और सूर्य ग्रह की युति प्रतिकूल सिद्ध हो सकती है। क्योंकि यह युति आपकी राशि से दूसरे भाव में बन रही है। साथ ही शनि देव आपकी गोचर कुंडली में लग्न भाव के भी स्वामी हैं। इसलिए इस अवधि में आपको सेहत को लेकर सावधान रहना चाहिए। कोल्ड, खांसी और बुखार आ सकता है। साथ ही आप पर शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है। इसलिए इस समय आपका व्यापार धीमा चलेगा। साथ ही कोई डील फाइनल होते- होते रुक सकती है।

कर्क राशि (Cancer Zodiac)

शनि और सूर्य ग्रह की युति आप लोगों के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है। क्योंकि यह युति आपकी राशि से अष्टम भाव में बन रही है। वहीं क्योंकि शनि देव आपके सप्तमेश और अष्टमेश हैं। शनि यहां मारकेश भी हैं। इसलिए इस समय आपको अपने बुजुर्गों की सेहत का ध्यान रखना चाहिए।

साथ ही खुद के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। वहीं इस समय आपको किस्मत का साथ नहीं मिलेगा। कोई गुप्त रोग इस समय हो सकता है।

नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और लोक मान्यता पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं भी हो सकता। सामान्य हित और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए यहां इसे प्रस्तुत किया जा रहा है।

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