Monday, September 25, 2023

Swami Prasad Maurya अब साध लेंगे चुप्पी? शिवपाल बोले- उन्हें धार्मिक मामलों से दूर रहने के दिए गए निर्देश

रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने कहा कि उन्हें इस तरह के धार्मिक मामलों से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार को उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम सभी ने कहा है कि हम धार्मिक और सांप्रदायिक मुद्दों से दूर रहना चाहते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य को इस तरह के धार्मिक मुद्दों से दूर रहने का निर्देश दिया गया है। भाजपा हमेशा चाहती है कि इस मुद्दे को उठाया जाए।”

हम भाजपा की पिच पर नहीं खेलना चाहते: शिवपाल यादव

उन्होंने कहा, “हम भगवान राम के आदर्शों का पालन करते हैं। हम भगवान कृष्ण के वंशज हैं। हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है। हम धर्मनिरपेक्ष हैं। हम भाजपा की पिच पर खेलना नहीं चाहते। हम समाजवादी लोग हैं।”

24 जनवरी दर्ज हुआ था मामला

बता दें कि 24 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ हजरतगंज थाने में रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद 29 जनवरी को मौर्य और अन्य के खिलाफ पीजीआई थाने में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

रामचरितमानस को लेकर की थी टिप्पणी

मौर्य के खिलाफ यह मामला 22 जनवरी की उस टिप्पणी के बाद दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस के कुछ हिस्से जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का अपमान करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने इन हिस्सों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। उनकी इस टिप्पणी को लेकर जमकर बवाल मचा था और भाजपा ने उनके इस बयान की कड़ी निंदा की थी।

विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में हो गए थे शामिल

स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश में पिछली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गए। बाद में उन्हें सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधान परिषद भेजा था।

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