मुंबई में हाल ही में दादासाहब फाल्के इंटरनेशन फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड 2023 की घोषणा हुई। जिसमें साल 2022 की विवादित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को भी इस अवॉर्ड से नवाजा गया है। जिसे लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। दादा साहेब के नाती ने खुद इसे लेकर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि पैसे लेकर ये अवॉर्ड बांटे गए हैं। अब कॉमेडियन कुणाल कामरा ने भी फिल्म को ये अवॉर्ड दिए जाने पर तंज कसा है।
कॉमेडियन ने बताया मामा साहब अवॉर्ड
कुणाल कामरा ने ट्विटर पर फिल्म और सरकार दोनों पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा,”कश्मीर फाइल्स ने प्रोपेगेंडा में उत्कृष्टता के लिए मामा साहेब मोदी अवॉर्ड जीता है।” कॉमेडियन के इस ट्वीट पर तमाम लोगों ने प्रतिक्रिया दी है।
राजेंद्र पीडी वर्मा नाम के यूजर ने लिखा,”आपके नाम तो प्रोपेगैंडा के ग्लैमराइसेशन से व्यापार चलाने का सर्वोच्च सम्मान आएगा। वो भी ब्रहमांड स्तर पर।” वहीं साक्षी सिंह नाम की यूजर ने लिखा,”कुणाल, द कश्मीर फाइल्स, जिसे आपने एक घृणित फिल्म कहा था, आज कश्मीर फाइल्स ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार जीता है। और मुझे यह देखकर अच्छा लगा कि कैसे कश्मीर की फाइलों ने हर हिंदू नफरत का पर्दाफाश किया है।”
अवॉर्ड को लेकर दादा साहेब के नाती की टिप्पणी
दादा साहेब के नाती चंद्रशेखर पुसालकर ने मीडिया से बात करते कहा, “मुझे मुंबई में आयोजित हुए दादा साहेब फाल्के अवार्ड्स में खास मेहमान के तौर पर लोगों ने बहुत आमंत्रित किया। मैंने देखा कि पैसे लेकर ऐसे लोगों को अवार्ड दिए जा रहे जो इस अवार्ड के काबिल भी नहीं हैं। जब मैंने यह सब देखा तो मैंने ऐसे किसी भी अवार्ड कार्यक्रम में जाना बंद कर दिया। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक बार मराठी की एक मशहूर अभिनेत्री का मेरे पास फोन आया कि अमेरिका में उनसे कोई ‘दादा साहेब फाल्के अवार्ड’ का आयोजक मिला है और अवार्ड के लिए दस लाख की मांग कर रहा है। मैं तो यह सुनकर आश्चर्यचकित हो गया और फिर मुझे बहुत दुख हुआ।”
चंद्रशेखर ने ये भी कहा कि ये पुरस्कार सिनेमा के लिए सबसे बड़ा राष्ट्रीय सम्मान है, लेकिन मुंबई में एक संस्था ‘दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स’ के नाम से इसे बांट रही है। जबकि दोनों अवॉर्ड्स में दोनों में जमीन आसमान का फर्क है। पैसे लेकर उन लोगों को अवॉर्ड दिए जा रहे हैं, जो काबिल नहीं हैं।