अंदेशा सही निकला और तीनों दलों में भीतर घात देखने को मिली। भाजपा ने दावा किया कि ‘आप’ के तीन पार्षदों ने उनकी पार्टी को मत दिया। जबकि ‘आप’ के पक्ष में निर्दलीय ने मत दिया। चुनाव के बहिष्कार की घोषणा और आलाकमान के निर्देश के बाद भी कांग्रेस के नौ पार्षदों में से एक ने क्रास वोटिंग कर मतदान में हिस्सा लिया।
अब कांग्रेस पार्टी कह रही है कि मामला आलाकमान के संज्ञान में लाया जाएगा और उनके खिलाफ पार्टी कार्रवाई करेगी। हालांकि, इससे पहले निगम की तीन बैठकों में जिस तरह हंगामे हुए और चुनाव संपन्न नहीं हो पाए थे उसमें भाजपा के महापौर के लिए जीतोड़ कोशिश सहित कई अन्य प्रकार के कयास लगाए जा रहे थे। इन कयासों में थोड़े दिन ही सही बुधवार को विराम लग गया।
बता दें कि निगम चुनाव परिणाम के दूसरे ही दिन कांग्रेस के दो पार्षदों ने प्रदेश उपाध्यक्ष अली मेंहदी के साथ ‘आप’ का दामन थाम लिया था, लेकिन स्थानीय लोगों के हंगामे और पार्टी के आलाकमान के बाद सुबह ही दोबारा कांग्रेस में वापस आने की घोषणा कर दी थी। उपमहापौर के चुनाव में भाजपा सांसद गौतम गंभीर वोट नहीं डाल सके। ऐसे में अब आम आदमी पार्टी के लिए वार्ड समितियों (ज़ोन) के चुनाव में परेशानी खड़ी हो सकती है।
दिल्ली नगर निगम में बुधवार को भले ही शैली ओबेराय और आले मोहम्मद ने बाजी मार ली, लेकिन आने वाले दिनों के लिए ‘आप’ के लिए खतरा बढ़ता नजर आ रहा है। दावा है कि महापौर चुनाव में एक और उपमहापौर में दो ‘आप’ के निगम पार्षदों ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में क्रोस वोटिंग की। कांग्रेस की आया नगर से पार्षद शीतल अपने मताधिकार का प्रयोग किया और पार्टी के निर्देश का उल्लंघन किया। एक मात्र निर्दलीय पार्षद ने भी भाजपा के पक्ष में मतदान किया। ‘आप’ की वजह से भाजपा को अपने पार्षदों की संख्या के मुकाबले महापौर के चुनाव में तीन और उपमहापौर के चुनाव में चार वोट ज्यादा मिले।
दस गारंटी के वादे पूरे करें केजरीवाल : कांग्रेस
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी संचार विभाग के प्रमुख व पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के निगम पार्षद फैसले के मुताबिक महापौर चुनाव में शामिल नही हुए। ‘आप’ जनता से किए गए वायदों को पूरा करने में काई बहाना न बनाए। जनता से 10 गांरटी का वादा किया था, लेकिन क्या सत्ता के लालच के लिए निगम सदन में मारपीट करने वाले केजरीवाल के पार्षद दिल्ली को कूड़ा के पहाड़ मुक्त बनाने का प्रयास कर सकते हैं।
जबकि भारद्वाज के साथ निगम के मध्य जोन के अध्यक्ष रहे खविंदर सिंह कैप्टन ने भी कहा कि निगम में मकानों के नक्शों की सरल प्रक्रिया करने और नक्शे आनलाइन पास करने, लाइसेंस प्रक्रिया, रेहड़ी-पटरी वालों को लाइसेंस आनलाइन देने, वेंडिंग जोन बनाने, इंस्पेक्टर राज खत्म करने का आम आदमी पार्टी ने वादा किया था, अब जब महापौर इनका बन गया है तो तत्काल इन कामों की शुरुआत हो।
आप के पास थे कुल 151 वोट
आंकड़ों पर गौर किया जाए तो आप के पास कुल 151 वोट थे। इनमें पार्टी के 135 पार्षद, 13 विधायक और तीन राज्यसभा सांसद शामिल हैं। जबकि भाजपा के पास कुल 113 वोट थे। इनमें 105 पार्षद, सात सांसद और एक विधायक शामिल हैं। जबकि आम आदमी पार्टी की शैली ओबेराय को 151 के मुकाबले 150 वोट (एक वोट कम) मिले और उपमहापौर के चुनाव में 147 वोट ( दो वोट) कम मिले। भाजपा की महापौर उम्मीदवार रेखा गुप्ता को 113 के मुकाबले 116 वोट (तीन वोट ज्यादा) व उपमहापौर के चुनाव में 116 वोट (चार वोट ज्यादा) हासिल हुए।