केएल राहुल पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म में चल रहे हैं। केएल राहुल ने एक जनवरी 2022 से 27 फरवरी 2023 तक कुल 35 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। इसमें 39 पारियों में केएल राहुल ने 26.21 के औसत से 1288 रन ही बनाए हैं। राहुल ने इस दौरान 6 टेस्ट मैच की 11 पारियों में महज 15.90 के औसत से 175 रन ही बनाए हैं। इसमें उनका सिर्फ एक अर्धशतक है, जो जनवरी 2022 में जोहानिसबर्ग में खेले गए साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच की पहली पारी में आया था।
पिछली 10 पारियों में नहीं पार कर पाए 25 रन का आंकड़ा
यही नहीं, पिछली 10 पारियों में वह एक बार भी 25 का आंकड़ा पार नहीं कर पाए हैं। ये आंकड़े कम से कम 100 गेंदें खेलने वाले दुनिया के किसी भी टेस्ट ओपनर का सबसे खराब औसत है। यही नहीं, 2022 से भारतीय ओपनर टीम को अच्छी शुरुआत देने में असफल रहे हैं। टीम इंडिया ने एक जनवरी 2022 से अब तक 9 टेस्ट मैच खेले हैं।
भारतीय ओपनर्स का भी रहा है खराब प्रदर्शन
इसमें टीम इंडिया के ओपनर सिर्फ 32.2 के औसत ही साझेदारी कर पाए हैं, जो अन्य सभी टीमों के मुकाबले दूसरा सबसे कम औसत है। इस दौरान भारतीय ओपनर्स पहले विकेट के लिए एक भी शतकीय साझेदारी नहीं कर पाए।
खास यह है कि 9 में से 6 टेस्ट मैच की 10 पारियों में केएल राहुल ने ओपनिंग की। हालांकि, भारत के लिए ओपनर्स ही नहीं, बल्कि पूरा शीर्ष क्रम चिंता का विषय रहा है। एक जनवरी 2022 से भारतीय क्रिकेट टीम के 4 बल्लेबाजों ने 29.5 के साधारण औसत से रन बनाए हैं।
रविंद्र जडेजा और अश्विन ने 40 में से 31 विकेट चटकाए
हालांकि, भारतीय स्पिनर्स विशेषकर रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है। यही वजह है कि दुनिया की नंबर एक ऑस्ट्रेलियाई टीम भी भारतीय स्पिनर्स के मायाजाल से नहीं निकल पाई है।
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती दोनों टेस्ट हारे हैं। इसमें उसके 40 में से 32 विकेट भारतीय स्पिनर्स ने चटकाए हैं। इन 32 में से रविंद्र जडेजा ने 17 और रविचंद्रन अश्विन ने 14 विकेट अपन नाम किए हैं।
सिर्फ एक विकेट अक्षर पटेल के खाते में गया है। इंदौर के होलकर स्टेडियम की पिच भी स्पिनर्स के लिए मददगार बताई जा रही है। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि इंदौर में भी ऑस्ट्रेलिया की परेशानी कम होने वाली नहीं है।