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Friday, March 31, 2023

पास या फेल! AI चैटबॉट ChatGPT ने दिया सबसे कठिन UPSC एग्जाम, जानें फिर क्या हुआ

ChatGPT could not pass UPSC Exam: ChatGPT पिछले कुछ समय में दुनियाभर में बहुत पॉप्युलर हुआ है। AI चैटबॉट को लेकर दावा भी किया जा रहा है कि इसके पास दुनिया के हर सवाल का जवाब है। नवंबर 2022 में लॉन्च हुए चैटजीपीटी ने पिछले कुछ महीनों में दुनिया के सबसे मुश्किल एग्जाम को भी पास किया है। इस चैटबॉट ने University of Pennsylvania’s Wharton School के MBA प्रोग्राम से लेकर US मेडिकल एग्जाम तक को पास किया है। हाल ही में चैटजीपीटी ने भारतीय लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित किए जाने वाले इंडियन सिविल सर्विसेज एग्जाम भी दिया। बता दें कि UPSC के इस एग्जाम को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है।

Analytics India Magazine (AIM) को ChatGPT से UPSC एग्जाम दिलाने का जिम्मा सौंपा गया। इस चैटबॉट से जब यह पूछा गया कि क्या तुम्हें लगता है कि तुम UPSC एग्जाम पास कर सकते हो? तो चैटजीपीटी ने किसी तरह का निश्चित जवाब नहीं दिया और यह नहीं बताया कि वह एग्जाम पास कर सकता है या नहीं।

ChatGPT से पूछे गए 100 सवाल

इसके बाद AIM ने UPSC के पहले पेपर 1 (सेट ए) के सभी 100 सवाल चैटजीपीटी से पूछे। यह पेपर UPSC Prelims 2022 का था। चैटजीपीटी इसमें से सिर्फ 54 सवालों का ही सही जवाब दे सका। AI चैटबॉट का यह रिस्पॉन्स चौंकाने वाला था। बता दें कि जनरल कैटिगिरी के लिए 87.54 फीसदी कटऑफ थी, जिससे यह पता चलता है कि चैटजीपीटी इस पेपर को पास नहीं कर सका।

चैटजीपीटी से जिन सवालों को पूछा गया उनमें जियोग्राफी, इकोनॉमी, हिस्ट्री, ईकोलॉजी, जनरल साइंस और करंट अफेयर्स जैसे टॉपिक शामिल हैं। बता दें कि चैटजीपीटी के पास अभी सितंबर 2021 तक ही जानकारी उपलब्ध है और यह करंट अफेयर्स से जुड़े सवालों के जवाब इसीलिए नहीं दे पाया। लेकिन इसने जियोग्राफी और इकोनॉमी जैसे मुद्दों से जुड़े सवालों के जवाब भी गलत दिए।

इतिहास के भी सवाल का गलत जवाब

ChatGPT ने इतिहास से जुड़े एक सवाल का भी गलत जवाब दिया जबकि इसके पास 2021 सितंबत तक की सारी जानकारी मौजूद है। वहीं कुछ मल्टीपल-चॉइस सवालों में चैटबॉट ने एक अतरिक्त ऑप्शन बना लिया जो ऑरिजिनल पेपर में था ही नहीं और इसे None of the above विकल्प बताया।

गौर करने वाली बात है कि UPSC एग्जाम को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल करीब 11 से 12 लाख छात्र इसमें बैठते हैं लेकिन सिर्फ 5 प्रतिशत ही मुख्य पेपर के लिए क्वालिफाई कर पाते हैं।

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