fbpx
Monday, March 27, 2023

रंगों के साथ भक्ति में भी होना है सराबोर, होली पर करें 5 मंदिरों के दर्शन, याद रहेगा त्योहार

देश भर में होली का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है. एक ओर जहां घरों और चौराहों पर होली की धूम रहती हैं तो वहीं देश के कई मंदिर भी ऐसे हैं. जहां होली का उत्सव बड़ी जोर-शोर के साथ आयोजित किया जाता है. होली के दिन इन मदिरों में भक्त केवल रंगों में ही सराबोर नहीं होते हैं बल्कि ईश्वर की भक्ति में भी रंग जाते हैं. तो आइये जानते हैं उन खास मंदिरों (Temples) के बारे में जहां पहुंचकर लोग होली के पर्व की धूम को जिंदगी भर भूल नहीं पाते हैं.

इस्कॉन टेंपल
इस्कॉन टेंपल देश के कई शहरों में मौजूद है. ये मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित हैं. देश भर में मौजूद इस्कॉन टेंपल में होली के त्योहार को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दौरान मंदिर में फूलों की होली खेली जाती है. साथ ही कई तरह के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है.

द्वारकाधीश मंदिर
भगवान श्रीकृष्ण के द्वारकाधीश मंदिर में भी होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान भक्तगण भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन नजर आते हैं और हरे रामा-हरे कृष्णा की धुन में खो जाते हैं. मंदिर में फूलों की होली और कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं. देश भर से भक्त मथुरा स्थित इस मंदिर में होली का त्योहार मनाने के लिए खासकर आते हैं.

प्रेम मंदिर
वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर राधा रानी और श्रीकृष्ण को समर्पित है. होली के त्योहार को मनाने के लिए देश भर से लोग यहां आते हैं. कई दिनों पहले से ही मंदिर में तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इस मंदिर की सजावट और रंग-बिरंगी रोशनी के आकर्षक नजारे लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनते हैं.

बांके बिहारी मंदिर
बांके बिहारी मंदिर मथुरा जिले के वृंदावन धाम के बिहारीपुरा में स्थित है. इस मंदिर में भी होली के पर्व की धूम दूर तक सुनाई देती है. यहां त्योहार के कुछ दिनों पहले से ही होली का उत्सव देखने को मिलने लगता है. होली के दिन इस मंदिर के दर्शन करना कभी शुभ माना जाता है.

गोविंद देव जी मंदिर
होली का त्योहार गोविंद देव जी मंदिर में भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. वृंदावन स्थित ये मंदिर काफी पुराना है और ये सात मंजिला मंदिर पत्थर से निर्मित है. लेकिन मुगलों के आक्रमण के बाद इस मंदिर की केवल तीन मंजिल ही सुरक्षित बची हैं.

नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और लोक मान्यता पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं भी हो सकता। सामान्य हित और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए यहां इसे प्रस्तुत किया जा रहा है।

Related Articles

नवीनतम