Monday, September 25, 2023

एक्टिंग सिखाने के लिए मां ने गिरवी रखे जेवर, 19 की उम्र में बना 60 साल का बूढ़ा, मशहूर एक्टर की दिलचस्प कहानी

मुंबई: संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) महज 47 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए थे. गौर करने वाली बात ये है कि इस उम्र में 25 साल सिनेमाई दुनिया को दे चुके थे. 25 साल का फिल्मी सफर किसी फिल्म की कहानी से कम दिलचस्प नहीं था. संजीव का असली नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था और प्यार से उन्हें हरिभाई कहा जाता था. फिल्मी दुनिया में आने के बाद अपना नाम बदल कर संजीव कुमार रखने वाले एक्टर ‘शतरंज के खिलाड़ी’, ‘पति, पत्नी और वो’, ‘अंगूर’, ‘त्रिशूल’, ‘शोले’ जैसी तमाम शानदार फिल्मों के लिए आज भी याद किए जाते हैं.

संजीव कुमार को कामयाबी एक झटके में नहीं मिली थी. कम उम्र में की गई मेहनत का नतीजा था कि संजीव हर रोल में जान फूंक देते थे. संजीव के अभिनय का रेंज दर्शकों को हमेशा चौंका देता था और फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा देती थीं. गुजराती फैमिली में जन्में संजीव की मां उन्हें डॉक्टर-इंजीनियर बनते देखना चाहती थीं लेकिन संजीव का मन तो एक्टिंग में लगता था.

मां ने जेवर गिरवी रखकर एक्टिंग स्कूल में दाखिला दिलवाया
संजीव के अंदर अभिनय को लेकर ललक देखते हुए उनकी मां ने उन्हें एक्टिंग की ट्रेनिंग लेने की परमिशन दे दी, हालांकि इसके लिए पैसा नहीं था. अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए शशधर मुखर्जी की एक्टिंग स्कूल में संजीव को दाखिला दिलवा दिया और इसके के लिए मां ने अपने जेवर गिरवी रख दिए थे. अभिनय की बारीकियां सीखने के बाद संजीव कुमार सीधे हिंदी फिल्मों में नहीं आए बल्कि थिएटर का हिस्सा बन गए.

19 की उम्र में 60 साल के बूढ़े का रोल निभा कर दिया हैरान
हरिहर जेठालाल नाम से थिएटर की दुनिया में काम करने लगे थे. इप्टा के नाटरों में काम करने के दौरान प्रसिद्ध एक्टर एके हंगल ने चर्चित नाटक ‘डमरू’ में संजीव कुमार को 60 साल के बूढ़े का रोल दे दिया, जबकि उस समय वह मात्र 19 साल के युवा थे. लेकिन संजीव ने उन्हें निराश नहीं किया शानदार तरीके से इस किरदार को निभा लोगों को हैरान कर दिया.

कई बार बदलने के बाद रखा गया संजीव कुमार नाम
दिलीप कुमार और अशोक कुमार की कामयाबी को देखते हुए संजीव कुमार ने अपना नाम संजय कुमार तय किया था. एक फिल्म में इसी नाम से क्रेडिट भी गया फिर कमाल अमरोही को ठीक नहीं लगा तो गौतम राजवंश नाम रखा, जो संजीव को जंचा नहीं. बाद में अपने दोस्तों से सलाह मशविरा कर अपना नाम संजीव कुमार रख लिया, जो हिंदी सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया.

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