डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है. डॉक्टरों पर लोगों की जान बचाने की पवित्र जिम्मेदारी होती है. बुरे से बुरे हालत में पहुंचे मरीजों को भी बचाने के लिए डॉक्टर अपना सबकुछ झोंक देते हैं. इस वजह से समाज में उनका अलग स्थान होता है. डॉक्टर को लोग सम्मान और आदर की नजर से देखते हैं. डॉक्टर्स को लोगों का भरपूर प्यार और प्रतिष्ठा भी हासिल होता है, लेकिन जब यही डॉक्टर हत्यारा बन जाए तो फिर आप क्या कहेंगे? मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां एक डॉक्टर ने ड्राइवर की हत्या कर उसके शव के 70 से ज्यादा टुकड़े कर दिए थे. वहशी डॉक्टर यहीं तक नहीं रुका था. उसने शव को टुकड़े-टुकड़े करने के बाद तेजाब से भरे ड्रम में डाल दिया था, ताकि किसी को उसकी कारगुजारी का पता न चल सके. अब इस हत्यारे डॉक्टर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
नर्मदापुरम में ड्राइवर की जघन्य हत्या के मामले में न्यायालय ने आरोपी डॉक्टर सुनील मंत्री को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले में सेकेंड एडीजे हिमांशु कौशल ने फैसला सुनाते हुए आरोपी डॉक्टर सुनील मंत्री को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इटारसी में मेडिकल ऑफिसर के पद पर पदस्थ डॉक्टर सुनील मंत्री ने 4 फरवरी 2019 को अपने ही ड्राइवर की पैसों के लेनदेन के चलते बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी थी. डॉक्टर ने ड्राइवर की हत्या करने के लिए पहले ड्राइवर वीरू को बेहोशी का इंजेक्शन दिया था. उसके बाद हैवान डॉक्टर ने ड्राइवर का गला काटकर उसको मौत के घाट उतार दिया था.
शव के किए थे 70 टुकड़े
डॉक्टर सुनील मंत्री ने ड्राइवर की हत्या करने के बाद लकड़ी काटने वाली आरी से उसके शव के 70 से भी ज्यादा टुकड़े कर डाले थे. सबूत मिटाने और हत्याकांड को छुपाने की नीयत से डॉक्टर ने ड्राइवर के शव के टुकड़ों को गलाने के लिए एसिड से भरे ड्रम में डाल दिया था. डॉक्टर के कुछ पड़ोसियों ने एसिड की दुर्गंध आने की शिकायत पुलिस से की थी. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हत्या का खुलासा किया था. चार साल तक इस मामले की सुनवाई चलती रही. अब जाकर कोर्ट ने डॉक्टर सुनील मंत्री को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.