समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड अंतर्गत नाजिरपुर पंचायत के स्टेशन रोड स्थित एक होम्योपैथिक क्लिनिक पर चिकन पॉक्स से बचने को लेकर जागरूकता गोष्ठी हुई. इस दौरान होम्योपैथिक चिकित्सक डा. मुकेश कुमार राय ने चिकन पॉक्स के लक्षण और उपचार के साथ-साथ इससे बचने के लिए विभिन्न उपायों के बारे में लोगों को बताया. उन्होंने कहा की चिकन पॉक्स एक वायरस है, जो एक दूसरे लोगों से संक्रमण फैलता है. इस दौरान लोगों को काफी सतर्क और सजग रहना चाहिए और समय पर इसका उपचार करना चाहिए.
जानिए चिकन पॉक्स के लक्षण
चिकित्सक डॉ. मुकेश कुमार राय ने बताया कि चिकन पॉक्स वेरिसेला जोस्टर नामक वायरस के कारण होने वाला यह एक इन्फेक्शन है. इसमें हल्का संक्रमण होता है. जिसमें खुजली, थकान, बुखार के साथ चेहरे, पीठ, हाथ और पैर में चकत्ते हो जाते हैं. यह धीरे-धीरे बाद में फफोले बन जाते हैं. कुछ संक्रमित लोगों को चिकन पॉक्स में सिरदर्द भी महसूस होता है. फफोले 4 से 5 दिनों में सूखकर अपने आप झड़ जाते हैं. हालांकि रोगी को पूरी तरह से ठीक होने में 10 दिन से 3 हफ्ते समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि यह इंफेक्शन बच्चों को ज्यादा गिरफ्त में लेता है. बहुत ही आसानी से अन्य लोगों में फैल जाता है. संक्रमित व्यक्ति को छूने से या उसके छींकने व खांसने से भी फैल जाता है.
होम्योपैथिक दवा का इलाज
होम्योपैथिक दवा बेलाडोना, एकोनाइट, वेरिओलिनम, पल्सेटिला, सल्फर, नक्स आदि कई दवाओं का जिक्र करते हुए चिकन पॉक्स का इस पद्धति से इलाज पूर्णतः संभव बताया. इससे बचने के लिए गरमी के मौसम में लोगों को चिकन पॉक्स से बचाव के सावधानियां भी आवश्यक बताया. कुछ गंभीर मामलों में तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम रहने वाले लोगों को लक्षणों की जटिलता की स्थिति में निकटतम अस्पताल के चिकित्सक से मिलना चाहिए. क्योंकि चिकन पॉक्स एक ऐसा वायरस है. जो धीरे-धीरे फैलता ही जाता है जो शरीर के सभी हिस्सों पर छाला की तरह हो जाता है. लोगों को समय रहते इसका उपचार कराए जिससे चिकन पॉक्स जैसे गंभीर बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है.