भगवान विश्वनाथ की नगरी काशी जाने वाले श्रद्धालुओं को जल्द ही यहां पर नया अनुभव मिलेगा. भगवान भोले के दर्शन के साथ-साथ यहां पर घूमने के लिए एक नया साधन मिलेगा. मोदी सरकार काशी जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यहां पर रोपवे शुरू करने जा रहा है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे. 2025 तक यहां आने वाले श्रद्धालु रोपवे का आनंद भी उठा सकेंगे.
देश के पहले अरबन रोपवे के जमीनी स्तर पर काम की शुरुआत होने जा रही है. इस रोपवे के बनने के बाद काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, उनके पास आटो, टेम्पो और रिक्शा के अलावा एक और विकल्प मौजूद रहेगा. श्रद्धालु स्टेशन से उतरकर सीधा मंदिर के करीब तक जा सकेंगे.
रोपवे निर्माण करने वाली एनएचएआई की कंपनी एनएचएलएमएल के सीईओ प्रकाश गौड़ ने बताया कि काशी रोपवे का काम आवार्ड कर दिया गया है. 24 मार्च को प्रधानमंत्री इस रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास कर करेंगे. काशी और बाहर से पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालुओं को सौगात मिलने वाली है. काम शुरू होने के बाद दो साल के अंदर रोपवे का संचालन शुरू हो जाएगा. इस तरह 2025 पर श्रद्धालु रोपवे से सफर कर सकेंगे.
रोपवे पर एक नजर
रोपवे की कुल लंबाई 3.75 किमी होगी. इसमें पांच स्टेशन बनाए जाएंगे, लेकिन चढ़ने उतरने के लिए चार स्टेशन ही होंगे. पांचवां स्टेशन तकनीकी कारणों से बनाया जाएगा. इन चार स्टेशनों में पहला कैंट रेलवे स्टेशन होगा, जहां से रोपवे शुरू हो रहा है, दूसरा विद्यापीठ, तीसरा रथयात्रा और चौथा, अंतिम स्टेशन गोदौलिया होगा. चूंकि इसके आगे मंदिर जाने के लिए वाहन नहीं जाते हैं, इसलिए यहीं तक रोपवे चलाया जाएगा.
प्रति घंटे 3000 यात्री सफर कर सकेंगे
रोपवे की केबल कार पर प्रति घंटे 3000 यात्री सफर कर सकेंगे. लोगों की संख्या बढ़ाने के साथ केबल कारों की संख्या बढ़ाई जाएगी. शुरुआती दौर में 300 यात्री प्रति घंटे सफर कर सकेंगे.
10 सीटों वाली होगी केबल कार
इस रोपवे में 10 सीटों वाली केबल कार चलाने की तैयारी है। श्ुरुआत में कुल 18 केबल कार रोपवे में चलेंगी। हालांकि रोपवे का डिजाइन ऐसा किया जाएगा कि केबल कार की संख्या जरूरत के अनुसार बढ़ाई जा सके।