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Saturday, June 10, 2023

7 साल की उम्र में किया काम, शशि कपूर समेत कई स्टार की चमकाई किस्मत, जिंदगीभर प्यार को तरसती रही एक्ट्रेस

बॉलीवुड के शुरुआती दौर से लगभग 30 दशक तक नंदा (Nanda Karnataki) ने बॉलीवुड पर राज किया. नंदा ने अपने जीवन में काफी उतार चढ़ाव देखें हैं. उन्होंने महज 7 साल की उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था. नंदा ने पिता विनायक दामोदर कर्नाटकी की मौत के बाद इंडस्ट्री में कदम रख दिया था. उनके पिता एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे. उनका निधन मात्र 41 साल की उम्र में हो गया था. बचपन में उन्हें पिता का भरपूर प्यार नहीं मिल पाया. नंदा को घर चलाने के लिए फिल्मों में एंट्री करनी पड़ी. फिल्म में काम करने के चक्कर में वह कभी स्कूल नहीं जा सकीं. हालांकि उन्होंने घर बैठे ही पढ़ाई की.

नंदा ने साल 1948 में रिलीज हुई फिल्म ‘मंदिर’ में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट एंट्री की. साल 1956 में रिलीज हुई फिल्म ‘तूफान और दिया’ में बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया. ये फिल्म सुपरहिट हुई तो नंदा का कद और बढ़ गया. उन्होंने बॉलीवुड के हर बड़े एक्टर्स के साथ काम किया. उन्होंने कभी भी न्यू-कमर्स के साथ काम करने से मना नहीं किया और उनका हमेशा हौंसला बढ़ाया.

नंदा ने जगदीप, शेख मुख्तार, सुनील दत्त (Sunil Dutt) समेत कई न्यू कमर के साथ काम किया. इतना ही नहीं, उन्होंने लगातार फ्लॉप हो रहे शशि कपूर के साथ एक साथ 8 फिल्में साइन कीं. शशि 5 फिल्में फ्लॉप दे चुके थे. जब नंदा के साथ ‘जब जब फूल खिले’ रिलीज हुई, तो शशि कपूर की किस्मत चमक उठी. फिल्म सुपरहिट हुई. शशि एक चार्मिंग एक्टर बनकर उभरे. शशि रातों रात स्टार बन गए थे.

शशि कपूर (Sashi Kapoor) ने नंदा को अपने लिए लकी एक्ट्रेस मानने लगे थे. वह उनकी रिस्पेक्ट करने लगे थे. साथ ही वह अपने बच्चों को भी नंदा से आशीर्वाद लेने के लिए कहते थे. नंदा बॉलीवुड की स्टार अदाकारा थीं लेकिन जीवन भर उन्हें प्यार नहीं मिला. घर पर हमेशा अकेली और तन्हा रहीं. नंदा को कई एक्टर्स पसंद करते थे लेकिन एक्ट्रेस का दिल किसी पर नहीं आया.

नंदा को नहीं मिल पाया कभी प्यार

नंदा को शादी के भी कई प्रपोजल आए लेकिन उन्होंने सभी रिश्तों का मना कर दिया. कहा जाता है नंदा मनमोहन देसाई को पसंद करती थीं, लेकिन अपने शर्मीलेपन की वजह से कभी प्यार का इजहार नहीं कर सकीं. जब मनमोहन देसाई की पत्नी जीवनप्रभा का निधन हुआ, तो उसके बाद दोनों की नजदीकियां बढ़ीं और दोनों ने सगाई भी की. लेकिन मनमोहन की मौत के बाद वह फिर अकेली पड़ गईं. इसके बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन सफेद साड़ी में बिताया और 25 मार्च 2014 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

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