ऑबर्न में रहने वाले तमिलनाडु के एक 32 वर्षीय भारतीय नागरिक, मोहम्मद रहमतुल्लाह सैयद अहमद की मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई पुलिस (Australian Police) ने गोली मारकर हत्या (Indian Shot Dead) कर दी. अहमद ने सिडनी के एक रेलवे स्टेशन पर एक सफाईकर्मी को कथित तौर पर चाकू मार दिया था और पुलिस अधिकारियों को चाकू दिखाकर धमकाया था. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय महावाणिज्य उच्चायोग ने पहचान की कि अहमद ब्रिजिंग वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में रह रहा था.
ANI के अनुसार पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि मानसिक स्वास्थ्य ने इस घटना में कोई भूमिका निभाई है या नहीं. डिटेक्टिव के अनुसार पुलिस द्वारा घातक रूप से गोली मारे जाने से पहले, अहमद ने एक सफाईकर्मी को चाकू मारा और फिर पुलिस अधिकारियों को चाकू से धमकाया था. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने पुलिस के हवाले से बताया कि अहमद ने सिडनी के पश्चिम में ऑबर्न ट्रेन स्टेशन पर मंगलवार को 12.03 बजे एक 28 वर्षीय सफाईकर्मी पर हमला किया था.
घटना के तुरंत बाद पुलिस वहां पहुंची इसके बाद उसने दो पुलिस अधिकारियों पर भी हमला करने की कोशिश की. इसी दौरान एक पुलिस अधिकारी ने तीन गोलियां चलाई. जिनमें से दो अहमद के सीने में लगीं. इसी दौरान एक प्रोबेशनरी कॉन्स्टेबल ने उस पर अपने टेजर का भी इस्तेमाल किया. हालांकि, उसे तुरंत प्राथमिक चिकित्सा देकर स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
वहीं ऑस्ट्रेलियामें भारतीय महावाणिज्य उच्चायोग ने इस घटना को बेहद परेशान करने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उच्चायोग ने कहा है कि हमने औपचारिक रूप से विदेश मामलों और व्यापार विभाग, न्यू साउथ वेल्स कार्यालय के साथ-साथ राज्य पुलिस अधिकारियों के सामने इस मामले को उठाया है. दूतावास ने कहा कि ऑबर्न रेलवे स्टेशन पर छुरा घोंपने की घटना में अहमद की पहचान एक संदिग्ध के रूप में की गई थी. साथ ही वह पुलिस को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा था. इस मामले में भारत के महावाणिज्य उच्चायोग ने ऑस्ट्रेलिया से पूरी रिपोर्ट मांगी है.
पुलिस का दावा- आत्मरक्षा में मारी गोली
घटना को लेकर न्यू साउथ वेल्स के पुलिस सहायक आयुक्त स्टुअर्ट स्मिथ ने कहा कि पुलिस अधिकारियों के पास जवाब देने के लिए कुछ ही सेकंड थे. अपनी जान बचाने के लिए उनके पास अहमद को गोली मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. उन्होंने कहा कि यह दर्दनाक है. हमारे पुलिस स्टेशनों में से एक में यह एक महत्वपूर्ण घटना है. इस मामले की जांच के लिए आतंकवाद निरोधी इकाई की भी मदद ली जाएगी.