केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी एकमात्र ऐसे राजनेता नहीं हैं, जिन्होंने अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता खो दी है और इसके बारे में हो-हल्ला मचाने की कोई जरूरत नहीं है.
नेटवर्क18 के ‘राइजिंग इंडिया सम्मेलन 2023’ कार्यक्रम में गृह मंत्री शाह ने कहा कि राहुल गांधी को अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के खिलाफ लड़ने के लिए ऊपरी अदालत में जाना चाहिए. इसके बजाय, वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने नेटवर्क18 समूह (Network18) के ग्रुप एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी से बातचीत में कहा, ‘राहुल गांधी ने अपनी सजा पर रोक लगाने की अपील नहीं की है. यह किस तरह का अहंकार है. आप एहसान चाहते हैं. आप एक सांसद के रूप में बने रहना चाहते हैं और अदालत के समक्ष भी नहीं जाएंगे.’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कांग्रेसी नेता बहुत बड़ी भ्रांति फैलाने का प्रयास कर रहे हैं. इसी कानून के तहत लालू प्रसाद यादव, जयललिता, राशिद अल्वी और राहुल गांधी सहित ऐसे 17 लोगों की सदस्यता गई है. यह सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है, देश का कानून है.’
दरअसल बीते 23 मार्च को, गांधी को गुजरात के सूरत की एक अदालत ने उनकी ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के एक मामले में दो साल जेल की सजा सुनाई थी. एक दिन बाद, उन्हें इस मामले में दोषी ठहराए जाने की तिथि से लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी ने यह टिप्पणी कथित तौर पर अप्रैल 2019 में कोलार में की थी.
वीर सावरकर पर बयान को लेकर भी गृह मंत्री ने राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी को माफी ना मांगनी हो तो ना मांगें, लेकिन सावरकर जी के लिए इस प्रकार के शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इस देश के लिए ज्यादा से ज्यादा यातनाएं सहने वाले व्यक्तियों में से एक वीर सावरकर थे. अगर उनको हम पर भरोसा नहीं है तो वो अपनी दादी इंदिरा जी का ही भाषण सुन लें.’