. पुराने और मस्ती भरे गाने के यदि आप शौकीन हैं तो आपने शम्मी कपूर (Shammi Kapoor) के कई गाने सुने होंगे. उन पर फिल्माए गानों में एक अलग तरह की एनर्जी होती थी. फिल्मों में उनके लिए गाने हाई पीच वाले रखे जाते थे. शम्मी के अधिकांश गाने मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) ने गाए हैं. शम्मी की हमेशा ख्वाहिश रहती थी कि उनके गाने सिर्फ रफी ही गाएं. दोनों की बॉन्डिंग भी अच्छी थी. ऐसे में एक दफा 1 गाने की रिकॉर्डिंग से पहले शम्मी ने रफी के आगे शर्त रख दी थी. यह गाना काफी हिट रहा था. आज सॉन्ग ऑफ दि वीक (Song of the week) में इसी गाने पर बात करते हैं…
शम्मी कपूर हमेशा अपने किरदारों के साथ ही 7गानों को लेकर भी काफी सजग रहते थे. वे हमेशा इस बात पर गौर करते थे कि कैसे फिल्म में गाना पिक्चराइज होगा और गाने के लिए आवाज कौन देगा आदि. ऐसे में उनकी पहली चॉइस हमेशा मोहम्मद रफी होते थे क्योंकि उनकी आवाज उन पर सूट करती थी.
‘ब्रह्मचारी’ थी शम्मी के लिए खास फिल्म
26 अप्रैल 1968 को फिल्म ‘ब्रह्मचारी’ रिलीज हुई थी. फिल्म में शम्मी कपूर के अपोजिट राजश्री थीं. साथ ही भप्पी सोनी निर्देशित इस फिल्म में मुमताज, प्राण, जगदीप आदि भी अहम भूमिका में थे. अपने दौर की यह सुपरहिट फिल्म रही थी और फिल्म के सभी गाने भी हिट रहे थे. सबसे ज्यादा फिल्म का गाना ‘दिल का झरोखे में तूझको बैठाकर…’ (dil ke jharokhe mein) रहा था. इस गाने की रिकॉर्डिंग जब हो रही थी तो शम्मी कपूर भी स्टूडियो पहुंच गए थे.
रफी के आगे रख दी शर्त…
‘दिल का झरोखे में तूझको बैठाकर…’ गाना काफी मुश्किल था और इसमें सांस पर कंट्रोल करने का बेहद अहम रोल था. गाने को लेकर शम्मी कपूर ने रफी साहब के सामने एक शर्त रखी और कहा ‘अगर आप एक ही सांस में इस गाने का मुखड़ा और अंतरा गा देंगे तो आपकी तारीफ में चार चांद लग जाएंगे.’ शम्मी की इस बात पर रफी सिर्फ मुस्कुरा दिए. जब गाने की रिकॉर्डिंग शुरू हुई तो रफी साहब ने सभी को हैरान कर दिया. रफी साहब ने सिर्फ 1 टेक में पूरा गाना एक ही सांस में रिकॉर्ड कर दिया.
रफी साहब ने जैसे ही गाना खत्म किया, शम्मी दौड़कर उनके पास गए और गले लगा लिया. उन्होंने कहा, ‘आपके जैसा कोई नहीं है.’ इस पर रफी ने कहा, ‘ऐसी शर्तें मत लगाया करो, नहीं तो तुम्हारे गाने कौन गाएगा?’