ज्योतिषाचार्य सुनील पाठक बताते हैं कि पूर्णिमा का महत्व यह है कि यह पुण्यकाल व्रत है और पूर्णिमा करने से पापों से मुक्ति मिलती है. इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा छह अप्रैल, 2023 को है. इस दिन भगवान सत्यनारायण और लक्ष्मीनारायण की पूजा होती है. साथ हीं ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः और ॐ नमो नारायण नमः मंत्रों का जाप किया जाता है. इसे करने से समस्त पाप से मुक्ति और शांति मिलती है.
इस चैत्र पूर्णिमा में व्रत रखने का विधि-विधान यह है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए. उठने के बाद स्नान-ध्यान कर के व्रत रख कर भगवान सत्यनारायण की पूजा करें. कदली फल, दूध, घी और गेहूं का चूर्ण आदि को प्रसाद सामग्री के रूप में एकत्रित कर सभी भाई-बंधुओं के साथ मिलकर विधि-विधान से भगवान सत्यनारायण की पूजा करें. पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें और रात्रि में भगवान का भजन करें.
पंडित सुनील पाठक बताते हैं कि चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त सात्विक भाव और श्रद्धा भक्ति से भगवान राम, माता सीता का गुणगान करते हैं. हनुमान जी स्वतः प्रसन्न हो जाते हैं.
पंडित सुनील पाठक बताते हैं कि भगवान राम और माता सीता दोनों का मंत्र उच्चारण करना चाहिए. इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. भगवान राम का मूल मंत्र है ॐ हं हनुमते नमः. है. इस मंत्र का जाप करने मात्र से कष्ट दूर हो जाता है. हनुमान जी भगवान राम और माता सीता के परम भक्त है. इसलिए राम मंत्रों का जाप करने से हनुमान जी स्वतः प्रसन्न होते हैं.
ॐ राम रामाय नमः मंत्र का जितना जाप करेंगे, उतना ही श्रीराम प्रसन्न होंगे. भगवान राम का नाम लेने और उनके प्रसन्न होने से हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं. हनुमान की पूजा करने के दौरान भक्तों को प्रसाद के रूप में लड्डू, लाल फूल और लाल सेब चढ़ाना चाहिए.
(नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और लोक मान्यता पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं भी हो सकता। सामान्य हित और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए यहां इसे प्रस्तुत किया जा रहा है।)