fbpx
Saturday, June 10, 2023

आवारा पशु और जंगली जानवरों से बचाव का अनोखा तरीका, आप भी कहेंगे वाह!

भारत कृषि प्रधान देश है और करीब 70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है. यही इनकी आय का मुख्य स्रोत भी है. हालांकि किसानों को खेती करते समय कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ता है.

उन्हीं में से एक समस्या है आवारा व जंगली जानवरों की, जो कि किसान की वर्ष भर की मेहनत पर पानी फेर देती है. इस समस्या से निजात पाने के लिए किसानों द्वारा विभिन्न प्रकार के उपाय किए जाते हैं. एक ऐसा अनोखा उपाय राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित बयाना कस्बे के डांग क्षेत्र में देखने को मिला.

दरअसल किसानों ने छोटे-छोटे पत्थरों को बिना सीमेंट और बजरी के एक दूसरे के ऊपर चिनकर चारदिवारी की है, जो देखने में बेहद सुंदर और आश्चर्यचकित लगती है. यहां से गुजरने वाला इस दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे जरूर कैद करता है. किसानों का कहना है कि यह आवारा एवं जंगली जानवरों से बचाव का सस्ता उपाय है.

बिना किसी सीमेंट व बजरी के रखे हैं पत्थर..
स्थानीय ग्रामीण हेम सिंह कुशवाहा ने बताया कि विगत कई वर्षों से आसपास के ग्रामीण आवारा एवं जंगली जानवरों से परेशान थे. यह जानवर फसल को पकने से पहले ही उजाड़ देते थे. जिससे किसानों की वर्षों की मेहनत पर चंद समय में पानी फिर जाता था और इनसे बचाव के लिए किसानों ने अनोखा और सस्ता जुगाड़ निकाला है. अन्य किसान सोहन सिंह योगी ने बताया कि डांग क्षेत्रों में पत्थरों की कोई कमी नहीं है. ग्रामीणों ने पत्थरों को अपने हाथों से छोटे-छोटे कर बिना किसी सीमेंट और बजरी के एक दूसरे के ऊपर चिनकर करीब चार से पांच फीट ऊंची दीवार बना दी. इनका कहना है कि बेहद सस्ती कीमत में जंगली जानवरों से बचाव का रास्ता निकाला है. अब ग्रामीण आसानी से अपनी फसल पैदा करते हैं.

करीब 15 गांव में इसी तरह बचाव…
जानकारी के मुताबिक, यह क्षेत्र डांग में होने के चलते यहां आवारा और जंगली जानवर अधिक संख्या में पाए जाते हैं और आसपास के ग्रामीणों की फसल को नष्ट कर देते हैं. जब से इस तरह बचाव का उपाय किया गया है उस समय से आसानी से फसल पैदा हो रही है. डांग क्षेत्र के करीब 15 गांव में इसी तरह आवारा व जंगली जानवरों से ग्रामीण बचाव कर रहे हैं. यह दूर से देखने पर मकान की चारदीवारी की तरह एक प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर लगती है.

Related Articles

नवीनतम