हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत पड़ते हैं लेकिन इन सभी में एकादशी का व्रत बेहद ही खास होता है जो कि हर महीने पड़ता है। एकादशी की तिथि भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में से एक हैं और ये व्रत श्री हरि विष्णु की पूजा को समर्पित होता हैं इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि रखते हैं हर माह में दो एकादशी पड़ती हैं।
पंचांग के अनुसार अभी ज्येष्ठ माह चल रहा हैं और इस महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि बहुत खास है जिसे निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता हैं। निर्जला एकादशी पर बिना जल ग्रहण किए उपवास किया जाता है इसलिए इस एकादशी को कठिन माना गया हैं इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत पूजन करने से साधक को सालभर की एकादशी व्रत जितना फल मिलता हैं। निर्जला एकादशी का व्रत इस बार 3ं1 मई दिन को रखा जाएगा। तो आज हम आपको बता रहे हैं कि निर्जला एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं, तो आइए जानते हैं।
एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं-
आपको बता दें कि एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। भूलकर भी इस दिन किसी के साथ वाद विवाद या बहस आदि नहीं करना चाहिए। एकादशी के दिन तामसिक भोजन और मदिरा पान से भी दूरी बनाएं रखनी चाहिए। एकादशी तिथि पर चावल का सेवन करने से भी परहेज करना चाहिए। वही इसके साथ ही इस दिन बैंगन, शलगम और गाजर आदि को भी नहीं खाना चाहिए। इन सभी चीजों का एकादशी के दिन सेवन करना वर्जित माना गया हैं।
आपको बता दें कि भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी के दिन झाड़ू भी नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता हैं साथ ही तुलसी के पत्तों को भी नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी क्रोधित हो सकते हैं। एकादशी के दिन विष्णु जी का ध्यान व पूजन करना उत्तम होता हैं इसी के साथ इस व्रत का पारण दूसरे दिन किया जाए तो व्रत पूजन का पूर्ण फल मिलता हैं।
(नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और लोक मान्यता पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं भी हो सकता। सामान्य हित और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए यहां इसे प्रस्तुत किया जा रहा है।)