Tuesday, September 26, 2023

सोमवार को क्यों होती है भगवान शिव की पूजा? जानिए इसके पीछे की वजह

सोमवार का दिन शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस दिन भक्त शिव मंदिर में दूध, बेलपत्र, भांग और धतूरा चढ़ाते हैं. कई लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार को व्रत रखते हैं. मान्यता है कि सोमवार का व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. भोलेनाथ अपने भक्तों के कष्ठ को दूर करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना क्यों की जाती है. अगर नहीं, तो आइए हम बताते हैं सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से क्या लाभ होता है.

पुरातन काल से लोग भगवान शिव की पूजा करते आ रहे हैं. शास्त्रों में जो व्यक्ति सोमवार को व्रत रखता है उसे सोमेश्वर कहा जाता है. इस शब्द के दो अर्थ है. पहला सोम यानी चंद्रमा है इसका मतलब है कि चंद्रमा को अपना ईश्वर मानकर उनकी व्रत और पूजा करना है. दूसरा अर्थ वह देव, जिसे सोमनाथ ने भी अपना भगवान माना है. वह देवता भगवान शिव हैं.

पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन को भगवान सोमनाथ ने शिव जी की पूजा अर्चना की थी. जिसके फल स्वरूप सोमनाथ निरोगी हो कर फिर से अपने सौंदर्य को पाया था. इसके बाद भगवान शिव ने दूज यानी द्वितीया तिथि को चंद्रमा को अपनी जटाओं में धारण किया. इसके बाद से पुरातन काल से सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन चंद्र देव की आरधना करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. इसके साथ ही कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है. ज्योतिष विद्या में चंद्रमा को मन का स्वामी माना जाता है.

सोम का अर्थ सौम्य भी होता है. इसलिए भगवान भोलेनाथ को शांत देवता माना जाता है. कुछ लोगों का मानना है कि सोम में ऊं है और भोलनाथ को ऊं स्वरूप भी माना जाता है. सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित होता है.

सोमवार को क्या करें

सोमवार के दिन सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर में जाकर भगवान शिव की विधि- विधान से पूजा करें. अगर आपकी कोई मन्नत हैं तो इस दिन व्रत भी रख सकते हैं. इस दिन भोलेनाथ पर भस्म का तिलक लगाना चाहिए, इससे आप पर उनकी कृपा बनी रहेगी. सोमवार के दिन सोना, चांदी या घर खरीदना शुभ होता है.

(नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और लोक मान्यता पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं भी हो सकता। सामान्य हित और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए यहां इसे प्रस्तुत किया जा रहा है।)

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