Tuesday, September 26, 2023

ये हैं भगवान गणेश के सिद्धिविनायक मंदिर से जुड़ी खास बातें, बुधवार को जरूर करें पूजा

बुधवार को पूरे विधि विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश भक्तों पर प्रसन्न होकर उनके दुखों को हरते हैं और सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जानी जरूरी है. भगवान गणेश सभी लोगों के दुखों को हरते हैं. महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश को समर्पित एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर की गिनती देश के सबसे व्यस्त और अमीर धार्मिक स्थलों में की जाती है. गणपति बप्पा के दर्शन के लिए यहां हजारों की तादाद में देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं.

धार्मिक मान्यता के अनुसार यहां मांगी गई हर मनोकामना गणेश जी जरूर पूरी करते हैं. सिद्धिविनायक मंदिर हर साल भारी दान प्राप्त करता है, इसलिए इसकी गितनी भारत के सबसे अमीर मंदिरों में भी होती है. यहां दर्शन करने के लिए बॉलीवुड स्टार से लेकर नेता और बड़े उद्योगपतियों का आना जाना भी लगा रहता है. खासकर गणेश चतुर्थी के दौरान यहां भक्तों का भारी जमावड़ा लगता है. इस दौरान मंदिर में भव्य आयोजन किए जाते हैं. हालांकि कोरोना काल के चलते ये सब बंद है. आइए आपको बताते हैं मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर से जुड़े उन रोचक तथ्यों के बारे में जो ज्यादातर लोगों को नहीं पता.

-इस मंदिर को सिद्धिविनायक कहा जाता है . सिद्धिविनायक, भगवान गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है, जिसमें उनकी सूंड दाईं ओर मुड़ी होती है. भगवान गणेश की ऐसी प्रतिमा वाले मंदिर सिद्धपीठ कहलाते हैं और इसलिए उन्हें सिद्धिविनायक मंदिर की संज्ञा दी जाती है. माना जाता है सिद्धिविनायक में सच्चे मन से मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है.

-सिद्धिविनायक को ‘नवसाचा गणपति’ या ‘नवसाला पावणारा गणपति’ के नाम से भी जाना जाता है. ये नाम मराठी भाष में हैं, जिसका मतलब है कि जब भी कोई भक्त सिद्धिविनायक की सच्चे मन से प्रार्थना करता है, बप्पा उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.

-भारत के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 को लक्ष्मण विथु पाटिल नाम के एक स्थानीय ठेकेदार द्वारा किया गया था. बहुत कम लोग इस तथ्य को जानते हैं कि इस मंदिर के निर्माण में लगने वाली राशी एक कृषक महिला ने दी थी, जिसकी कोई संतान नहीं थी. वह इस मंदिर को बनवाने में मदद करना चाहती थी ताकि भगवान के आशीर्वाद से कोई भी महिला बांझ न हो, सबको संतान की प्राप्ति हो.

-इस मंदिर के द्वार हर धर्म और जाति के लोगों के लिए खुले हैं. यहां किसी को आने की मनाई नहीं है. सिद्धी विनायक मंदिर अपनी मंगलवार की आरती के लिए बहुत प्रसिद्ध है जिसमें श्रद्धालुओं की कतार कभी-कभी 2 किलोमीटर तक पहुंच जाती है.

-सिद्धिविनायक मंदिर की मूल संरचना पहले काफी छोटी थी. प्रारंभिक संरचना मात्र ईंटों की बनी हुई थी, जिसका गुंबद आकार का शिखर भी था. बाद में इस मंदिर का पुनर्निर्माण कर आकार को बढ़ाया गया.

-सिद्धिविनायक मंदिर की गिनती भारत के सबसे अमीर मंदिरों में की जाती है. कहते हैं कि मंदिर हर साल 100 मिलियन से 150 मिलियन धनराशी दान के रूप में प्राप्त करता है. इस मंदिर की देखरेख करने वाली संस्था मुंबई की सबसे अमीर ट्रस्ट है.

-माना जाता है कि यहां भगवान गणेश की प्रतिमा काले पत्थर से बनाई गई है, जिसकी सूंड दाईं तरफ मुड़ी है. यहां भगवान गणेश अपनी दोनों पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ विराजमान हैं. ये प्रतिमाएं देखने में काफी आकर्षक लगती हैं. ऐसे में इस मंदिर के दर्शन करना शुभ माना जाता है.

-सिद्धिविनायक एक लोकप्रिय मंदिर हैं, जहां दर्शन के लिए आम श्रद्धालुओं के अलावा राजनेता, बॉलीवुड स्टार, बड़े उद्योगपतियों का आगमन होता है. न सिर्फ भारत के नामचीन लोग बल्कि यहां दर्शन के लिए कई फेमस विदेशी लोग भी आ चुके हैं.

-मंदिर के अंदर चांदी से बनी चूहों की दो बड़ी मूर्तियां मौजूद हैं. माना जाता है कि अगर आप उनके कानों में अपनी इच्छाएं प्रकट करते हैं वह आपका संदेश भगवान गणेश तक पहुंचा देते हैं.

(नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और लोक मान्यता पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं भी हो सकता। सामान्य हित और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए यहां इसे प्रस्तुत किया जा रहा है।)

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