आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. यह एकादशी 14 जून को है. मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
उसे मोक्ष भी मिल जाता है.
कब है योगिनी एकादशी
पंचांग के अनुसार आषाढ़ कृष्ण एकादशी की शुरुआत 13 जून मंगलवार सुबह 9.28 मिनट से हो रही है, यह तिथि अगले दिन 14 जून बुधवार सुबह 8.48 बजे तक है. उदयातिथि में एकादशी व्रत 14 जून को रखा जाएगा.
योगिनी एकादशी पूजा मुहूर्त
योगिनी एकादशी व्रत की पूजा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए. इसके लिए 14 जून को पूजा का शुभ मुहूर्त जानना जरूरी है. इस दिन योगिनी एकादशी पूजा के दो शुभ मुहूर्त हैं, पहला सुबह 5.23 बजे से 8.52 बजे तक और दूसरा सुबह 10.37 से 12.21 बजे तक.
योगिनी एकादशी का पारण कब करेंगे
पंचांग के अनुसार योगिनी एकादशी का पारण द्वादशी के दिन किया जाता है. यह तिथि 15 जून गुरुवार को पड़ रही है. पारण का समय सुबह 5.23 बजे से 8.10 बजे तक है. क्योंकि द्वादशी तिथि 8.32 बजे संपन्न हो जाएगी.
योगिनी एकादशी का महत्व
योगिनी एकादशी का महत्व भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था. इसके अनुसार योगिनी एकादशी व्रत रखने वाला व्यक्ति संसार के सभी भोग का आनंद लेता है और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को रखने से सभी पापों का नाश हो जाता है.
(नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और लोक मान्यता पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं भी हो सकता। सामान्य हित और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए यहां इसे प्रस्तुत किया जा रहा है।)